पुष के अन्त सङ्घे माघ महिना घर घर आइल
खुसी आउ बाहर के तरंग गाउँ गाउँ में है छाइल
थारुन नमा साल ई जाडमें फेकुन गरमी बढाइल
चारो घैन हे उमङ्ग पूरा थारुवान है जगमगाइल
देश दुनियाँमें चर्चा है की नेपाल में माघी है आइल
चारों ओर माघिक मघौटा, सखिया नाँच नचाइल
खूब मारत हैं सोरक जीता हराभरा खेत खलियान
आइल हैं दिदी बहिनी माघ माने करीहे खोर लहान
बनी हर घरमें नमा नमा एक से एक मजा पकवान
सब दिदी बहिनिन खुसी देख लागि अंग्ना सुहावन
कुइ सम्झी आँखलग्ना कुइ करी आँखलाग्निय याद
अब तौ तनहाई काहीक उराइ जाइ कुछ दिनके बाद
माघअक्कले मनाईक परी तौ इ मन फेक होई निरास
सब ओर होई खुसी रही तौ इ मन में काहीक उदास
माघ के मजा लेउ मनाओं खुसी हुईके हरसोउल्लास
चारो घैंन उत्सव के माहौल है जीयो तुम अबबिन्दास
अर्जुन कठरिया
पहलमानपुर, कैलाली
