कठरिया साहित्यक जर बल्गर बनैती आउ तुम कठरिया सन्देश
हरेक बाधा अड्चन ओहके पन्छईती जाउ तुम कठरिया सन्देश
नमा जोश जाँगर, हिम्मत लैके बढती रहो तुम कठरिया सन्देश
मिठ मिठ सन्देश लैके एकदम अइती रहो तुम कठरिया सन्देश
कठरिया संस्कृती जगेर्ना फैलाइक तहिन आउ तुम कठरिया सन्देश
समाज के बिकृतीक जन्जीर तुरती साथ आउ तुम कठरिया सन्देश
कठरियन शान्तिक दिया बरति बिश्वास फैलाउ तुम कठरिया सन्देश
गरिबन आँस एकदम पुछ्ती सहारा बनके आउ तुम कठरिया सन्देश
चेतनाके किरण फैलाके सफलतक शिखर चुमो तुम कठरिया सन्देश
चारो घैं उजियर करती आगे बढो तुम कठरिया सन्देश
अइना पबनीमे खुरियाक जाँर आउ दोनाक बुट्टी ति
टठियामे डारल काँजी भातति स्वागत हे कठरिया सन्देश
देशराज कठरिया ‘डिआर’
घोडाघोडी न.पा. ११, तपा कैलाली


