रंगके पबनी होली हे रे तिउहार
आइल सबके घर अंगना में
सजना सजनीक बढी रे प्यार
होरि नच्ना खिल्ना बहाना में ।
धोती लगाऊँ, गतिया, झगिया हो यार,
नाचत लागी बडा मजेदार
प्यारके रंगती मरमु हो गोली हाई राम
हुई जाई अब हो तार तार
बडा निक लागी चली फगुनियाँ बयार
नाचब होरी बचाइब भाषा, संस्कार
श्रृङ्गार घरकुरिया देखी संसार
यिहि हे रे फगुई होली यार
सातों रंग लैइके रंगाउँ रे बार बार
भिजि आँगिया, चोली सजनिक यार
रंगके पबुनी होली हे रे तिउहार
बाँटो खुसी उमङ्ग यि दुनियाँ संसार
करि रिति, थिती के प्रचार हो यार
अर्जुन कठरिया
धुसकिया अब्बे पहलमानपुर