अर्जुन सिंह कठरिया, पहलमानपुर ।। कठरिया सामाजमें गंगादशेहरा के बहुत ही महत्व आहे। गंगादशेहराके दिन कठरिया समुदायमें चुनी चुनी बाबू भईया जो एक सालके भित्तर जलमल रहतियाँ ओइन छुतिहा बार मामा द्वारा कतरल जईता जेहके मुडकतरि कहतियाँ । मुडकतरी खासमें छुतिहा बार कतर के मामा मनाई गंगामें पुहाईतियाँ जेह्ती मामाक में जो पाप चढ़ल रहता उ पुण्यमें बदल जिता कहना मान्यता आहे ।
गंगादशेहरा एक धार्मिक पर्व हे जो हर एक हिन्दू धर्मावलम्बी अपना अपना तरीका ति मनैतियाँ । कुई गंगामें स्नान करके आराध्या देव भगवान शिव के जलाभिशेक पूजा आराधना करके मनैतियाँ ।गंगादशेहरा क दिन करल पूजा ति जो पाप जाने आन्जनेमें होइल रहता उ पाप ति मुक्ति मिलता कहना लोगन कहाइ हे ।
गंगादशेहरा आउ मुडकतरि के बारेमें जोशिपुर ३ लक्कड के भलमनसा मुलचन्द्र कठरियन कहाइ अनुसार” हम्मर पुरखाभर गंगादशेहराक दिन मामा मनाई अपना भाईने भरिन पहिले २० आना पैसा पत्ताक दोनामें रख के बार कतरें आउ ऊ बार दोनामें लईके सकभर गंगा या नाइ रहलमें लदिया,ताल में पुहाके संघे लौकामें पानी भरके लाके अपना भाईने भरिन खुरामे जेह्ती मामाक करल पाप कटे कहना कहाइ हे।”
यह्का अर्थ इही हे की मामा भाईने भरिन आपसी दुश्मनी ना रेहे ,आपसमें मिलके रेहेँ कहना बतईता। एक धार्मिक कहाइ अनुसार द्वापर युगमें भगवान कृष्ण वहके उनका मामा कांश बहुत बार मारेक कोसिस करने जो की मार नाई पाईने अन्तमें कृष्ण कांश केंहें मार दहने, ऐष्नेही आइना दिनमें मामा भाईनेक विचमें कुई लड़ाइ ना होबे मामा भाईनेक दुश्मनी हमेशा के तहनि प्रेम सदभाव,मित्रता में बदले कहना मान्यता अनुसार ही गंगादशेहरा में मुडिया कतरके ऊ सदभाव प्रेम बढे कहीके मुडकतरिक सुरुवात होइल फेक कहाइ हे ।
सामाजिक पक्षके बारेमें जानकी ४ मूनमाके प्यारेलाल कठरियन कहाइ अनुसार “जौन प्रकार कांश आउ देवकी के भाई बहिनिमें प्यार रेहे उही प्रेम मामा भाईनेन के प्यार सदभाव कायम रेहे वहका तहनि मुडकतरी गंगादशेहरा मनाइल ज़ईता कह्तीयाँ।”
समाजसेवी गंगाराम मह्तौँ के अनुसार “मुडकतरि गंगादशेहराक दिन जौन परिवार लरका बच्चा नाई हुइतियाँ स्नान कार्तियाँ ते ओइन संतान के सुख प्राप्ति फेक हुइता।” इ अर्थमें गंगादशेहरा मुडकतरि एक सामाजिक पवूनी केल नाई धार्मिक पर्व हे जो हर समाज़के मनाईन जुड़ना,ओइन मनोकामना पुरा करना पर्व के रुपमें कठरिया समुदाय मनाइत आइल हे।
लेखक कठरिया सन्देश पत्रिकाके ब्यवस्थापक, सम्पादक हैं ।

