महोत्सवमें कहाँ ति अइलो प्यारी
ठुमकठुमक तुमखूब नच्लो नारि
होरिम लइगिलो दिल मोर उढारि
कहाँक बाटो तुम करना हे यारी
ढमढम ढोल बाज़े दिल धडकेरी
मन्द मुस्कान मोर ज़ियरा उडाएरी
पइरि चुरबक खनखन करेन्ट मारेरि
चमचम चमकत सिरबिन्दी छोंछी मोर आँखी खूब चिउँधबाएरि
अंगिया तुम्हर झिकिर मिकिर नज़र मोर रुक रुक्ज़ायेरि
गोटेदार नहँगा तुम्हर हम सबका होस उडा उडाके लैजायेरि
महोत्सवमें नाँचल होरिक नाँच
आज बहुत याद रातमें आबेरि
ना नाम पता हे कइसे मिलपाँउरि
बस यादके बरात लइके घोड़ी चढ्के किल रहि रहि जाउँरि
अर्जनु कठरिया
पहलमानपुर, कैलाली
